सरकार के लिए कौन सी सीमा पार करेगी बीजेपी? महज 35 सीटें जीतकर वापसी करना कैसे संभव है?
इस बार चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने पूरा फोकस छत्तीसगढ़ पर रखा, लगातार दौरे किए, जीत की रणनीति और जमीन मजबूत करने पर काम किया. शाह का यह बयान भी चर्चा में रहा कि अगर बीजेपी राज्य में 35 सीटें जीतती है.तो प्रदेश में बीजेपी ही सरकार बनाएगी
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मतदान हो चुका है और मतगणना से पहले बार-बार हिसाब लगाया जा रहा है कि प्रदेश में अगली सरकार किसकी ? लेकिन साथ ही अब ये सवाल भी उठने लगा है कि अगली सरकार कैसे बनेगी? स्पष्ट बहुमत वाली या जोड़-जुगाड़ वाली? यानि चुनावी गुणा-भाग वाली? दरअसल, सियासी गलियारों में इस वक्त ‘ऑपरेशन लोटस’ को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं और जवाब में नेताओं के बयानों से बहस का नया मोर्चा भी खुल गया है।
बीजेपी के ऑपरेशन लोटस
क्या ये कांग्रेसियों का भय है या फिर देश में अन्य राज्यों में बीजेपी के ऑपरेशन लोटस के इतिहास से मिला सबक। छत्तीसगढ़ में चुनाव हो चुके हैं, क्षेत्रवार और वर्गवार बंपर वोटिंग किसके पाले में गई होगी, किसे बढ़त देगी इसे लेकर बहस जारी है। साथ ही सियासी गलियारे में एक और सवाल रह-रह कर पूछा जा रहा है कि क्या यहां बीजेपी नंबर गेम में पिछड़ने पर सत्ता में आने के लिए ऑपरेशन लोटस चला सकती है जैसे कर्नाटक, मध्यप्रदेश या महाराष्ट्र में हुआ था? कांग्रेस नेता इस सवाल पर कहते हैं कि बीजेपी सत्ता के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है लेकिन साथ ही ये भी दावा करते हैं कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी का ऑपरेशन लोटस वाला मंसूबा कामयाब नहीं होगा।
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ पर पूरा फोकस रखा
इस बार के चुनाव के दौरान केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ पर पूरा फोकस रखा, लगातार दौरे कर, जीत की रणनीति और जमीनी कसावट पर काम किया। शाह के हवाले से बयान भी चर्चा में रहा कि अगर प्रदेश में 35 सीटें बीजेपी लाती है, तो प्रदेश में बीजेपी ही सरकार बनाएगी। लेकिन इन सारी आशंकाओं को खारिज करते हुए प्रदेश बीजेपी, इसे कांग्रेस के चुनाव हारने का डर और घबराहट बता रही है।
90 विधानसभा सीटों में सरकार बनाने के लिए
प्रदेश में कुल 90 विधानसभा सीटों में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को कम से कम 46 विधायकों का संख्या बल चाहिए। इस वक्त कांग्रेस और बीजेपी इससे ज्यादा नंबर लाने का दावा कर अपने लिए सत्ता की संभावना को प्रबल बता रहे हैं। फैसला 3 दिसंबर को सामने आएगा लेकिन उससे पहले दल हर तरह की संभावना पर होमवर्क करने में पीछे नहीं हैं। सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या यहां वाकई इस बार चुनाव में दलों को सरकार बनाने के लिए, संख्याबल जुटाने के लिए किसी पोस्ट पोल ऑपरेशन की जरूरत पड़ने वाली है।
मोदी की गारंटी
इस बार के विधानसभा चुनाव में मोदी ने पांचो राज्यों में लगातार सभाएं की हैं , उसका भी असर दिख रहा है। मोदी की गारंटी की आम जनता में ख़ास चर्चा है ।